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इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्वस लिमिटेड
ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने तीन स्थानों नामतः विशाखापटनम, मंगलौर और पादुर (उडूपी के निकट) 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) के सामरिक खनिज तेल भंडार बनाने का निर्णय लिया। ये सामरिक भंडारण तेल कंपनियों के पास खनिज तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के विद्यमान भंडारणों के अतिरिक्त होंगे और आपूर्ति बाधाओं के प्रतिउत्तर में एक ढाल के रूप में कार्य करेंगे। सामरिक खनिज तेल भंडारण सुविधाओं के निर्माण का प्रबंधन एक विशेष प्रयोजन कंपनी इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्वस लिमिटेड (आईएसपीआरएल) द्वारा किया जा रहा है, जो तेल उद्योग विकास बोर्ड (ओआईडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी जोकि पैट्रोलियम एवं नैचुरल गैस मंत्रालय के अधीन है। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) द्वारा तीनों स्थलों हेतु परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता के रूप में कार्य किया गया।
खनिज तेल भंडारण क्षमताओं का निर्माण भूमिगत चट्टान केवर्नों में किया गया है और यह भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी तटों पर अवस्थित है। इन केवर्नों से खनिज तेल की आपूर्ति भारतीय रिफाइनरियों को या तो पाइपलाइनों अथवा पाइपलाइनों तथा तटीय संचलन के संयोजन के माध्यम से किया जा सकता है। भूमिगत चट्टान केवर्नों को हाइड्रोकार्बन भंडारण का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। परियोजना की अनुमानित लागत सितम्बर 2005 मूल्यों के आधार पर 2,837 करोड़ रूपए थी। इसमें केवर्नों में खनिज तेल भरने की लागत शामिल नहीं है। विशाखापट्टनम केवर्न की क्षमता को बढ़ा कर 1.33 एमएमटी करने और अनुपातिक लागत साझा आधार पर हिंदुस्तान पैट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा 0.3 एमएमटी कम्पार्टमेंट के अतिरिक्त उपयोग हेतु अनुमति देने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल का अनुमोदन प्राप्त किया गया था। सिर्फ 15% अतिरिक्त ख़र्च करके हम 30% अतिरिक्त क्षमता प्राप्त कर सकते हैं जो बहुत ही किफायती थी। इस अनुमोदन के परिणामस्वरूप सामरिक भंडारण क्षमता 5.03 एमएमटी तक बढ़ाई गई थी।
विशाखापट्टनम, मंगलौर और पादुर हेतु अनुमोदित संशोधित लागत अनुमान क्रमश:1178.35 करोड़ रूपये, 1227 करोड़ रूपये और पादुर 1693 करोड़ रूपये है। सभी तीन परियोजनाओं हेतु कुल लागत 4098.35 करोड़ रूपये है, जिसमें से 265.79 करोड़ रूपए को विशाखापट्टनम में 0.3 एमएमटी कंपार्टमेंट हेतु हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा वहन किया गया है।
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इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्वस लिमिटेड
ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने तीन स्थानों नामतः विशाखापटनम, मंगलौर और पादुर (उडूपी के निकट) 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) के सामरिक खनिज तेल भंडार बनाने का निर्णय लिया। ये सामरिक भंडारण तेल कंपनियों के पास खनिज तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के विद्यमान भंडारणों के अतिरिक्त होंगे और आपूर्ति बाधाओं के प्रतिउत्तर में एक ढाल के रूप में कार्य करेंगे। सामरिक खनिज तेल भंडारण सुविधाओं के निर्माण का प्रबंधन एक विशेष प्रयोजन कंपनी इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्वस लिमिटेड (आईएसपीआरएल) द्वारा किया जा रहा है, जो तेल उद्योग विकास बोर्ड (ओआईडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी जोकि पैट्रोलियम एवं नैचुरल गैस मंत्रालय के अधीन है। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) द्वारा तीनों स्थलों हेतु परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता के रूप में कार्य किया गया।
खनिज तेल भंडारण क्षमताओं का निर्माण भूमिगत चट्टान केवर्नों में किया गया है और यह भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी तटों पर अवस्थित है। इन केवर्नों से खनिज तेल की आपूर्ति भारतीय रिफाइनरियों को या तो पाइपलाइनों अथवा पाइपलाइनों तथा तटीय संचलन के संयोजन के माध्यम से किया जा सकता है। भूमिगत चट्टान केवर्नों को हाइड्रोकार्बन भंडारण का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। परियोजना की अनुमानित लागत सितम्बर 2005 मूल्यों के आधार पर 2,837 करोड़ रूपए थी। इसमें केवर्नों में खनिज तेल भरने की लागत शामिल नहीं है। विशाखापट्टनम केवर्न की क्षमता को बढ़ा कर 1.33 एमएमटी करने और अनुपातिक लागत साझा आधार पर हिंदुस्तान पैट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा 0.3 एमएमटी कम्पार्टमेंट के अतिरिक्त उपयोग हेतु अनुमति देने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल का अनुमोदन प्राप्त किया गया था। सिर्फ 15% अतिरिक्त ख़र्च करके हम 30% अतिरिक्त क्षमता प्राप्त कर सकते हैं जो बहुत ही किफायती थी। इस अनुमोदन के परिणामस्वरूप सामरिक भंडारण क्षमता 5.03 एमएमटी तक बढ़ाई गई थी।
विशाखापट्टनम, मंगलौर और पादुर हेतु अनुमोदित संशोधित लागत अनुमान क्रमश:1178.35 करोड़ रूपये, 1227 करोड़ रूपये और पादुर 1693 करोड़ रूपये है। सभी तीन परियोजनाओं हेतु कुल लागत 4098.35 करोड़ रूपये है, जिसमें से 265.79 करोड़ रूपए को विशाखापट्टनम में 0.3 एमएमटी कंपार्टमेंट हेतु हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा वहन किया गया है।
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